हिमवंत फाउंडेशन का एक और कदम पर्यावरण की सुरक्षा की ओर

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साथियों! हिमवंत फाउंडेशन सोसाइटी द्वारा आज 6 जून को पर्यावरण संरक्षण दिवस एवं कोरोना महामारी राहत सामग्री वितरण कार्यक्रम मनाया गया। हमने यह कार्यक्रम कोविड 19 के नियमों को ध्यान में रखते हुए किया गया। हमने पुरोहितों को 20-20 के समूह में अलग अलग time slot में बुलाया गया । जिससे कार्यक्रम सुबह 11:00am से शुरू कर दोपहर 3:00pm तक चला। इस कार्यक्रम मे पुरोहितों को पर्यावरण प्रहरी की भूमिका निभाने के लिए जागरूक किया । चूँकि लाॅकडाउन में मंदिरों के बंद रहने के कारण उनकी भी वृत्ति रूक गयी थी, अतः उन्हें राशन किट भेंट कर कुछ राहत देने का प्रयास किया गया। इस कार्यक्रम में 120 पुरोहित शामिल हुए और पर्यावरण संरक्षण के लिए पर्यावरण प्रहरी के रूप में संकल्प लिया और सबसे अपील की। हमने पुरोहितों को पर्यावरण प्रहरी की भूमिका के लिए इसलिए चुना क्योकिं वे सनातन समाज के प्रत्येक वर्ग और परिवार में अपनी व्यक्तिगत पंहुच रखते हैं इसके अलावा वे जन्म से लेकर मृत्यु तक के प्रत्येक संस्कार निभाते वक्त यदि वृक्षारोपण (जैसे मैती आंदोलन) को शामिल करेंगे तो समाज पर्यावरण के लिए संवेदनशील बनेगा और मोहल्ले हरे भरे हो सकेंगे । हमारी संस्था जिन सिंथेटिक चुन्नी और पोशाक के बजाए सूती replace करने की मुहिम छेड़ रखी है उसके लिए पुरोहित वर्ग बेहद महत्वपूर्ण कड़ी है संस्था ने 50 पेड़ नीम और आंवले के उन पुरोहितों को वितरित किये जो किसी मंदिर से संबद्ध थे और उनके मंदिर प्रांगण में पेड़ लगाने की जगह थी। क्योंकि मोहल्लों मे पेड़ लगाने के पार्क की जगह तो है नहीं, जबकि जनघनत्व के हिसाब से पेड़ लगाने की आवश्यकता ज्यादा है। हमने पुरोहितों से अन्य समस्याओं पर भी चर्चा हुई जिसके बारे मे आगे की पोस्ट पर विस्तार से बताया जायेगा.

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